एक दिन देखकर उदास बहुत
आ गए थे वो मेरे पास बहुत
ख़ुद से मैं कुछ दिनों से मिल न सका
लोग रहते हैं आस-पास बहुत
अब गिरेबां बा-दस्त हो जाओ
कर चुके उनसे इल्तेमास बहुत
किसने लिक्खा था शहर का नोहा
लोग पढ़कर हुए उदास बहुत
अब कहाँ हमसे पीने वाले रहे
एक टेबल पे इक गिलास बहुत
तेरे इक ग़म ने रेज़ा-रेज़ा किया
वर्ना हम भी थे ग़म-शनास बहुत
कौन छाने लुगात का दरिया
आप का एक इक्तेबास बहुत
ज़ख़्म की ओढ़नी लहू की कमीज़
तन सलामत रहे लिबास बहुत
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इक्तेबास-quote,लुगात-शब्दकोश,इल्तेमास-गुज़ारिश
आ गए थे वो मेरे पास बहुत
ख़ुद से मैं कुछ दिनों से मिल न सका
लोग रहते हैं आस-पास बहुत
अब गिरेबां बा-दस्त हो जाओ
कर चुके उनसे इल्तेमास बहुत
किसने लिक्खा था शहर का नोहा
लोग पढ़कर हुए उदास बहुत
अब कहाँ हमसे पीने वाले रहे
एक टेबल पे इक गिलास बहुत
तेरे इक ग़म ने रेज़ा-रेज़ा किया
वर्ना हम भी थे ग़म-शनास बहुत
कौन छाने लुगात का दरिया
आप का एक इक्तेबास बहुत
ज़ख़्म की ओढ़नी लहू की कमीज़
तन सलामत रहे लिबास बहुत
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इक्तेबास-quote,लुगात-शब्दकोश,इल्तेमास-गुज़ारिश