इन आँखों से दिन-रात बरसात होगी
अगर ज़िंदगी सर्फ़-ए-जज़्बात* होगी
मुसाफ़िर हो तुम भी, मुसाफ़िर हैं हम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी
सदाओं को अल्फाज़** मिलने न पायें
न बादल घिरेंगे न बरसात होगी
चराग़ों को आँखों में महफूज़*** रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी
अज़ल-ता-अब्द**** तक सफ़र ही सफ़र है
कहीं सुबह होगी कहीं रात होगी
अगर ज़िंदगी सर्फ़-ए-जज़्बात* होगी
मुसाफ़िर हो तुम भी, मुसाफ़िर हैं हम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी
सदाओं को अल्फाज़** मिलने न पायें
न बादल घिरेंगे न बरसात होगी
चराग़ों को आँखों में महफूज़*** रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी
अज़ल-ता-अब्द**** तक सफ़र ही सफ़र है
कहीं सुबह होगी कहीं रात होगी
* भावनाओं में ख़र्च
** शब्द
*** सुरक्षित
**** आदि से अंत